बस ऐसे ही....
गला बैठा हुआ हैं,
आवाज़ दर्द में नहाई हुई है,
ना जाने क्यूँ लगता है कि
मेरे साथ बेवफाई हुई है,
आफसोस करूँ भी तो क्या करूँ,
इस गम -ए-दिल पर,
ये आग-ए-मोहब्बत हमारी ही लगाईं हुई है,
उदास क्यों हूँ मैं,
हर कोई मुझसे पूछता है,
इस उदासी के पीछे मैंने
एक बात छिपाई हुई है,
बेफिकर हो जाए वो,
जिसने मेरा दिल तोड़ा है,
मैंने उसका नाम न लेने की,
अब कसम खाई हुई है,
जिस दिन कहा उसने,
हमें भूल जाओ 'रतन"
बस उसी दिन से
वो मेरे वास्ते पराई हुई है,
चलने दो मुझे वक़्त हो चला है,
चलता हूँ मैं,
मुझे लेने को वो
कमबख्त मौत आई हुई है ,
ऋषभ दिव्येन्द्र
02-Jul-2021 07:10 PM
बहुत अच्छे 👌👌👌👌
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अजय
02-Jul-2021 09:42 PM
शुक्रिया ऋषभ जी...... 🙏
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मनोज कुमार "MJ"
02-Jul-2021 10:54 AM
Kya bat! Bahut Behtreen
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अजय
02-Jul-2021 09:43 PM
शुक्रिया मनोज जी...... 🙏
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Ravi Goyal
02-Jul-2021 10:46 AM
Bahut khoob 👌👌
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अजय
02-Jul-2021 09:44 PM
शुक्रिया रवि जी....... 🙏
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